तुलसी साहिब 1⁄4हाथरस वाले1⁄2 का जीवन चरित्र सहित जिसमें कुल रचना का भेद, वेद और शास्त्रों का निरूपण, युगों का प्रभाव, चारिखानि और चैरासी लक्ष्य योनि का हाल, कर्मो का हिसाब जीत का फंसाव और उबार की उक्ति, सन्त सरन और सत्संग की महिमा, भेषों की दशा इत्यादि पूरी भांति से दिखाया गया है।