पलटू साहिब की बानी पहला भाग कुण्डलियों का खजाना है जिसमें उनकी 263 अति मधुर मनोहर और उपकार कुण्डलियाँ जीवन चरित्र और टिप्पणी सहित छपी हैं, पुस्तक की भाषा पाठकों के दृष्टि से बहुत सुन्दर ढ़ंग से प्रस्तुत की गयी हैं।