यह पुस्तक कबीर साहब की अनमोल तथा मधुर बानी वेहान्त मत का वर्णन है। विभिन्न मोहक प्रसंगों से पुस्तक सजी-संवरी है जिसे पढ़कर पाठक कई ऐसे मोहक प्रसंगों की जानकारी से अवगत होंगे जो उसने अब तक शायद ही जान पाया होगा। जैसा पुस्तक का नाम अनुराग सागर है, ठीक उन्हीं गुणों से सम्पन्न है।