श्री गुरुनानक साहब विरचित प्राणों का अपूर्व कवच है जो सुरत-शब्द योग साधनामयी अमोघ तारों से रचा हुआ कालकर्म, मायाकृत विध्नों से गुरु मुखों का सरक्षक तथा हितकर है जिसको गुरुमुखी अक्षरों से टिप्पणी सहित तैयार किया गया है |